कलेक्टर से बड़ा अधिकारी कौन होता है?(collector se bada Adhikari Kaun hota Hai)

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collector se bada Adhikari Kaun hota Hai

कलेक्टर से बड़ा अधिकारी कौन होता है?(collector se bada Adhikari Kaun hota Hai) | कलेक्टर और डीएम में क्या अंतर होता है | डीएम को कलेक्टर से बड़ा अधिकारी क्यों कहा जाता है? आदि जैसे प्रश्नों के बारे में हम आज के इस आर्टिकल में जानेंगे।

ऐसे बहुत से छात्र होते हैं जो भविष्य में कलेक्टर के तौर पर काम करना चाहते हैं लेकिन कलेक्टर से बड़ा अधिकारी कौन होता है ऐसे प्रश्न उनके मन में अक्सर आते रहते हैं।

उन प्रश्नों के उत्तर हेतु कई सारे छात्र इंटरनेट एवं अन्य कई सारी सुविधाओं के जरिए यह पता करने की कोशिश करते हैं कि कलेक्टर से बड़ा अधिकारी कौन होता है।

लेकिन उन्हें कलेक्टर से बड़े अधिकारी के बारे में सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम मुख्य रूप से कलेक्टर से बड़ा अधिकारी के बारे में बात करने वाले हैं।

इसलिए हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा कलेक्टर से पड़े अधिकारी के बारे में सभी प्रकार की जानकारी बताएंगे।

कलेक्टर से बड़ा अधिकारी कौन होता है? (collector se bada Adhikari Kaun hota Hai)

collector se bada Adhikari Kaun hota Hai

अगर कलेक्टर से बड़े अधिकारी के बारे में बात की जाए तो कलेक्टर से बड़ा अधिकारी डीएम होता है।हालांकि डीएम का पद भी एक आईएएस अधिकारी का ही पद होता है जो की एक कलेक्टर का भी पद है।

लेकिन प्रमोशन पाकर ही कोई व्यक्ति डीएम के पद पर पहुंचता है, इसलिए डीएम के पद के अधिकारी को सर्वोच्च पद वाला अधिकारी माना जाता है।

यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद ही कोई भी अधिकारी आईएएस ऑफिसर या फिर कलेक्टर या डीएम बनता है, लेकिन इन सभी पदों में सर्वोच्च पदों की अगर बात की जाए तो डीएम के पदों की सर्वोच्च पदों के स्थान पर रखा जाएगा।

किसी भी स्थान में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी डीएम के पास होती है जबकि कलेक्टर के पास मौजूद शक्तियां भी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लेकिन उन्हें निर्देश डीएम से मिलता है।

तो चलिए अभी तक हमने जाना कि कलेक्टर से बड़ा अधिकारी कौन होता है? अब हम जानेंगे कि कलेक्टर और कलेक्टर से बड़े अधिकारी यानी डीएम में अंतर क्या होता है?

कलेक्टर और डीएम में क्या अंतर होता है?

अगर इन दोनों पदों में अंतर की बात की जाए तो इन दोनों पदों में कोई खास अंतर नहीं होता  है इन दोनों पदों की जिम्मेदारियां समान ही होती है।

जिस प्रकार एक जिला कलेक्टर की जिम्मेदारी होती है कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखें इस प्रकार डीएम की भी जिम्मेदारी होती है कि वह कानून व्यवस्था शांति से कायम रखें।

किसी भी जिले में राजस्व प्रबंधन से जुड़ा हुआ अधिकारी जिला कलेक्टर ही होता है, राजेश प्रबंधन से जुड़े सभी प्रकार की जिम्मेदारियां को पूरा करना एवं जिले में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी पूरी करना, एक जिला कलेक्टर का काम ही होता है जबकि डीएम का पद इससे सर्वोपरि होता है।

ऐसा इसलिए क्योंकि इनके ऊपर जिले में सभी प्रकार के प्रशासन संबंधित व्यवस्थाएं बनाने की पूर्ण जिम्मेदारी होती है उनके अंतर्गत कई सारे संस्थाएं होती हैं जो प्रशासन संबंधित कल्याण हेतु कार्य करती है।

अर्थात इससे भी आसान शब्दों में कहा जाए तो डीएम और कलेक्टर में केवल इतना ही अंतर है कि डीएम कलेक्टर से सर्वोच्च पद का अधिकारी होता है।

हालांकि दोनों पदों की नौकरी प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को यूपीएससी की परीक्षा पास करके अच्छे रैंक हासिल करके कुछ वर्ष तक आईएएस के पदों पर काम करना होता है उसके उपरांत ही उन्हें प्रमोशन पाकर डीएम और कलेक्टर का पद मिलता है।

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FAQ – कलेक्टर से बड़ा अधिकारी कौन होता है? इससे संबंधित कुछ प्रश्न

अब तक हमने जाना की कलेक्टर से बड़ा अधिकारी कौन होता है? और कलेक्टर से बड़ा अधिकारी और कलेक्टर में क्या अंतर होता है?

हमने इन सभी प्रश्नों के बारे में विस्तार पूर्वक विवरण जाना अब हम इससे संबंधित कुछ विशेष प्रश्नों को पढ़ेंगे, इसे भी जरूर पढ़ें।

#1. कलेक्टर के ऊपर कौन होता है?

कलेक्टर के ऊपर तहसीलदार का पद होता है और उसके ऊपर डीएम का पद होता है हालांकि कलेक्टर के ऊपर के अधिकारी को हम डीएम ही कहते हैं।

#2. डीएम और कलेक्टर में सबसे बड़ा कौन होता है?

कलेक्टर और डीएम में सबसे बड़ा अधिकारी डीएम होता है क्योंकि डीएम का पद कलेक्टर से ऊपर होता है।

#3. सबसे बड़ा अधिकारी कौन सा होता है?

हमारे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 76 के अनुसार हमारे भारत का सबसे बड़ा अधिकारी अटॉर्नी जनरल होता है जिसके पास कई प्रकार के प्रशासनिक अधिकार शामिल होता है।

#4. डीएम और कलेक्टर एक ही है क्या?

बिल्कुल नहीं, डीएम और कलेक्टर दोनों एक ही पद नहीं है हालांकि दोनों ही एक आईएएस ऑफिसर के पद हैं लेकिन दोनों पदों के लिए कुछ साल का कार्यकाल उम्मीदवारों को करना होता है।

डीएम और कलेक्टर दोनों की जिम्मेदारियां अपने-अपने क्षेत्र में अलग अलग है, डीएम जिला मजिस्ट्रेट होता है और कलेक्टर जिला कलेक्टर अर्थात डीएम के पास जिले के प्रशासनिक व्यवस्था के सभी प्रकार के कार्यों के जिम्मेदारी होती है और कलेक्टर के पास राजस्व विभाग संबंधित जिम्मेदारियां होती है।

#5. कलेक्टर को हिंदी में क्या कहा जाता है?

जिला कलेक्टर को हिंदी में समाहर्ता या जिलाधिकारी कहते हैं या फिर जिलाधीश भी कहते हैं जो कि किसी एक जिले के राजस्व संबंधित विभागों की देखरेख करता है इसके अलावा एक कलेक्टर के कार्यालय को हम ‘समाहरणालय’ कहते हैं।

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निष्कर्ष – कलेक्टर से बड़ा अधिकारी कौन होता है?

आज के इस आर्टिकल में मैंने आपको बताया कि कलेक्टर से बड़ा अधिकारी कौन होता है? या कलेक्टर से बड़े अधिकारी हम किसे कहते हैं?

कलेक्टर से बड़े अधिकारी के पास कौन-कौन सी जिम्मेदारियां होती है | कलेक्टर से बड़ा अधिकारी जो कि डीएम होता है, उनमें और जिला कलेक्टर में क्या अंतर होता है? आदि जैसे प्रश्नों के बारे में मैंने इस आर्टिकल में आपको विस्तार पूर्वक बताया है।

अंत में मैंने इससे जुड़े कुछ प्रश्नों को भी आपको बताया है हमें आशा है हमारे द्वारा दी जाने वाली सभी प्रकार की जानकारी आपको पसंद आई होगी।

अगर आपके पास इससे जुड़े किसी भी प्रकार के प्रश्न हो तो जरूर पूछे।

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