प्रोफेसर और लेक्चरर में अंतर (professor aur lecturer mein antar)| लेक्चर कौन होता है और प्रोफेसर कौन होता है आदि जैसे प्रश्नों के बारे में आज के इस आर्टिकल में हम जानते हैं।
अक्सर बहुत से लोगों को प्रोफेसर और लेक्चर में अंतर बताने होता उन्हें लगता है कि प्रोफेसर और लेक्चरआर एक व्यक्ति ही है।
लेकिन इनमें अंतर होता है, लेकिन बहुत से लोगों को इनमें अंतर पता नहीं होता है, इसलिए वह सोशल मीडिया पर इससे जुडी जानकारी सर्च करते रहते हैं, इसलिए आज के इस आर्टिकल में मुख्य तौर पर इसके बारे में बात करने वाले है।
तो चलिए अब हम जानते हैं प्रोफेसर और लेक्चर में अंतर क्या होता है और इससे संबंधित अन्य भी बहुत सारी जानकारी हम इस आर्टिकल में जानेंगे।
प्रोफेसर और लेक्चरर में अंतर (professor aur lecturer mein antar)

अगर प्रोफेसर और लेक्चर में अंतर की बात की जाए तो इन दोनों में मुख्य तौर पर बहुत अंतर होता है लेकिन इन दोनों का काम शिक्षक संबंधित कार्यों को ही करना है।
टीचर का वह पद जो हाल ही में कुछ समय से किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में बच्चों को पढ़ाते हैं उन्हें ही लेक्चर कहा जाता है, जबकि प्रोफेसर को कई सालों का पढ़ने का अनुभव रहा होता है एवं कई सारी परीक्षाएं देकर वह प्रोफेसर बने होते हैं
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इन दोनों में बहुत अंतर है लेक्चर और प्रोफेसर दोनों अलग-अलग जॉब है तो चलिए इसके इंट्रो को हम इन दोनों के बारे में जानकर समझते हैं कि प्रोफेसर कौन होता है? और लेक्चर कौन होता है।
लेक्चरर कौन होता है?
यह एक प्रकार का शिक्षक का ऐसा पद होता है जिसमें अंडर ग्रेजुएट एवं ग्रेजुएट कर रहे छात्रों को पढ़ाना होता है।
लेक्चरर की जॉब फुल टाइम और पार्ट टाइम दोनों तरह की होती है, लेक्चर ऐसे टीचर को कहा जाता है जो रिसर्च करके किसी सब्जेक्ट के बारे में जानकारी इकट्ठा कर विद्यार्थियों को बताते हैं।
कई सारे ऐसे लेक्चर होते है, जिनके पास या तो बहुत कम जिम्मेदारी होती है तो बहुत ज्यादा ज़िम्मेदारी होती है।
आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि लेक्चर एक ही विषय के बारे में जानकारी एकत्रित करके छात्रों को बताते हैं लैक्चर किसी एक ही विषय के शिक्षक होते हैं।
हालांकि कई सारे कॉलेज में लेक्चर एक से अधिक सब्जेक्ट के बारे में जानकारी एकत्रित करके बच्चों को बताते हैं।
लेक्चरर के पद पर कुछ साल काम करने के बाद काम कर रहे हैं शिक्षक को प्रमोशन देकर सीनियर लेक्चरर बना दिया जाता है।
लेक्चरर के काम
लेक्चर के कामों के बारे में बात की जाए तो लेक्चर के मुख्य काम निम्न प्रकार है।
- अलग-अलग तरह के कोर्स में होने वाले इवेंट को अच्छी तरह से करवाना लेक्चर का ही मुख्य काम होता है।
- Seminars को अच्छी तरह से ऑर्गेनाइज करना एक लेक्चर का काम होता है।
- एक लेक्चरर को सभी कक्षाओं में जाकर किसी मुख्य विषय के बारे में जानकारी इकट्ठा करना होता है और बच्चों को बताना होता है।
यह तो ही लेक्चरर की बात हुई, कि लेक्चरर कौन होता है और उसका काम क्या होता है? लेकिन अब हम बात करेंगे कि प्रोफेसर कौन होता और उसका काम क्या होता है यह लेक्चरर से किस प्रकार अलग है।
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प्रोफेसर कौन होता है?
सभी प्रकार के सीनियर अकैडमी के पद को प्रोफेसर कहा जाता है, जिन्हें अनगिनत सालों से टीचिंग का अनुभव रहता है और प्रोफेसर बनने के लिए सभी प्रकार की योग्यताओं को पूरा किए रहते हैं, वैसे लोगों को हम प्रोफेसर कहते हैं।
प्रोफेसर को कॉलेज में पढ़ने का काम रहता है, जैसा कि आपको पता ही होगा कि प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी का कोर्स करना होता है और पीएचडी का कोर्स एक ऐसा कोर्स है जिसमें आपके पूरे विषय के बारे में गहराई से अध्ययन करना होता है।
अगर कोई उम्मीदवार पीएचडी का कोर्स किया है तो यह कहने की बात ही नहीं है कि उसे उसे विषय के बारे में गहराई से ज्ञान नहीं है।
इसलिए हम यह कह सकते हैं कि प्रोफेसर जिस भी विषय के बारे में छात्रों को बताता है उस विषय के बारे में उसने पहले से गहराई से अध्ययन कर लिया रहता है।
अब तक हमने ये जाना कि प्रोफेसर होता कौन है? अब हम यह जानेंगे कि प्रोफेसर का काम क्या होता है?
प्रोफेसर का काम
- इनको Syllabus, Review Paper और Auditing के काम करने होते है।
- अंडरग्रैजुएट और ग्रेजुएट बच्चों को पढ़ाना होता है।
- एडमिनिस्ट्रेशन के सभी काम में हिस्सा लेना इनका काम होता है।
- प्रोफ़ेसर को अपने सब्जेक्ट के Scope के Course को हर सेमेस्टर में बनाना होता है।
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FAQ – प्रोफेसर और लेक्चरर में अंतर से सम्बन्धित प्रश्न
अब तक हमने प्रोफेसर और लेक्चर के अंतर के बारे में बात की एवं प्रोफेसर कौन होता है और लेक्चर कौन होता है यह भी जाना आप हम इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों को जानेंगे इससे भी अवश्य पढ़े
# 1. लेक्चरर और असिस्टेंट प्रोफेसर में क्या अंतर है?
मुख्य रूप से लेक्चर का काम सभी प्रकार के विद्यार्थियों को पढ़ना है लेकिन असिस्टेंट प्रोफेसर का काम विद्यार्थियों को पढ़ाने के साथ-साथ शोध करना और अपने अनुशासन के साथ काम करना है।
# 2. प्रोफेसर का काम क्या होता है?
छात्रों को पढ़ाना, रिसर्च करना, एडमिनिस्ट्रेटिव issue को solve करना आदि जैसे कई तरह के काम प्रोफेसर का काम होता है।
# 3. प्रोफेसर बनने के लिए कौन सी डिग्री होनी चाहिए?
किसी भी व्यक्ति को प्रोफेसर बनने के लिए स्नातक के साथ-साथ पीएचडी की डिग्री चाहिए तभी वह परीक्षाएं देकर प्रोफेसर बन सकते हैं।
# 4. एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर में क्या अंतर है?
दोनों प्रोफेसर, प्रोफेसर ही होते है लेकिन एसोसिएट प्रोफेसर प्रारंभिक स्तर के प्रोफेसर होते हैं जबकि प्रोफेसर उच्च स्तर के प्रोफेसर को कहा जाता है।
निष्कर्ष – प्रोफेसर और लेक्चरर में अंतर
आज के इस आर्टिकल में मैंने आपको बताया कि प्रोफेसर और लेक्चर में क्या अंतर होता है? इसके अलावा प्रोफेसर और लैक्चरर के बारे में सभी प्रकार की जानकारी इस आर्टिकल में मैंने आपको बताई है।
अंत में मैंने इससे जुड़े कुछ प्रश्नों के बारे में भी आपको बताया है, आशा करती हूं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी धन्यवाद।